अश्वगंधा (Ashwagandha) एक आयुर्वेदीक औषधी है ये बात हम सभी जानते है और सदियो से अश्वगंधा आयुर्वेदीक औषधी के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। अश्वगंधा का रोजाना सेवन करने से हमारा शरीर रोगो से मुक्त रखता है और शरीर कि उर्जा को बढाता है। अश्वगंधा से कई सारे प्रोडक्ट मे इस्तेमाल मे किया जाता है। अश्वगंधा के रोजाना सेवन करने हमारे शरीर मे सेक्स क्षमता को बढाता है। शोधकर्त्ताओं को मानना है कि अश्वगंधा के रोजाना सेवन करने से अश्व(घोडा) जैसी ताकत हो जाती है।
अश्वगंधा (Ashwagandha) के कुछ अन्य तथ्य
सामान्य नाम – विंटर चेरी, भारतीय जिनसेंग, असगंध
वनस्पतिक नाम – विथानीय सोमिनिफेरा, सबसे ज्यादा भारत(राजस्थान, मध्य प्रदेश), नेपाल और अफ्रिका मे होता है।
अश्वगंधा (Ashwagandha) के बारे मे
- अश्वगंधा के नुकसान
- अश्वगंधा का सेवन कैसे करें
- अश्वगंधा के तासीर
- अश्वगंधा के फायदा
Ashwagandha के नुकसान
- अश्वगंधा का अधिक मात्रा मे सेवन करने से कब्ज, दस्त और मतली जैसी दिक्कतें आ सकती है।
- नींद की दवा – अगर आप पहले से नींद कि दवा लेते है तो अश्वगंधा का सेवन करना आपके गलत साबित हो सकता है। अश्वगंधा शरीर मे नींद लाने और उर्जा बढाने का कार्य करता है।
- डायबिटीज(diabetes) और रक्तचाप(blood pressure) संतुलित करने वाली दवाइयां – अगर आप रोजाना डायबिटीज और रक्तचाप जैसी बिमारीयों के लिए दवा लेते है तो आप अश्वगंधा का सेवन ना करें। अश्वगंधा रक्तचाप के स्तर को 12% कम कर देता है और आप दवा लेते हुए अश्वगंधा का सेवन करते है तो आपका रक्तचाप सामान्य से भी नीचे जा सकता है। अश्वगंधा का सेवन शुरु करने से पहले दवा खाना छोड दें।
- थायराइड(Thyroid) में – अगर आप रोजाना थायराइड बिमारी के लिए दवा लेते है तो आप अश्वगंधा का सेवन ना करें। अश्वगंधा का सेवन करने से थायराइड संतुलित रहता है और चयापचय भी सही तरीके से काम करता है।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करें
- अश्वगंधा से चाय बनाने का तरीका
- 2 चम्मच अश्वगंधा की सुखी हुयी जड के पाउडर, इसे 3.5 कप उबलते हुए पानी मे डाल दें। 15 मिनट उबलने दे और फिर उतार ले। छान कर पीलें
- अश्वगंधा और घी के मिश्रण
- 2 चम्मच अश्वगंधा को आधा कप घी मे भुन लें और फिर 1 नम्मच खजूर से बनी चीनी उसमे मिला दें। इस मिक्सींग को फ्रिज मे रख दे और फिर थोडे देर के बाद मिश्रण को दुध या पानी के साथ लें।
- अश्वगंधा को किसी और पदार्थ के साथ
- आधा कप अश्वगंधा की सुखी हुयी जड को एक डिब्बे मे रखें। उसके उपर 80 से 100 मिली()वोडका या रम 2 कप उपर से डालें। अब आप इसको किस्तो मे इस्तेमाल कर सकते है।
अश्वगंधा का तासीर
- अश्वगंधा के सेवन से शरीर मे गर्मी उत्पन्न करता है और अश्वगंधा गर्म होता है। इसे अन्य जडी-बूटी के साथ मिलाकर लेना चाहिए, जिससे शरीर के अंदर गर्मी ज्यादा ना हो और आपको किसी तरह कि परेशानी ना हो।
- अश्वगंधा से पित्त बढता है – आयुर्वेद के अनुसार अश्वगंधा से पित्त बढता है और कफ दोष और वात दोष को कम कर देता है लेकिन जिनके शरीर मे पहले से ही पित्त की मात्रा ज्यादा हो उन्हे इसका इस्तेमाल ज्यादा नही करनी चाहिए। शरीर मे पित्त की कमी से चयापचय कमजोर हो जाता है।
अश्वगंधा (Ashwagandha) के फायदे
- प्रतिरशक्षा प्रणाली मे- एक खोज से पता चला हे कि अश्वगंधा के सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबुत होता है। अश्वगंधा का सेवन करने से हमारे शरीर मे लाल रक्त कोशिकाओं को बढाता है।
- मधुमेह(डायबिटीज) के लिए – अश्वगंधा का सेवन करना डायबिटीज जैसी बिमारी पर कुछ हद तक काबु पाया जा सकता है। एक टेस्ट ट्युब अध्ययन मे देखा गया है कि अश्वगंधा का सेवन करने से इन्सुलिन की मात्रा शरीर मे बढती है और मांसपेशियों मे इन्सुलिन सेंसिटिविटी बढती है।
- थायराइड संबंधी समस्याएं – हाइपोथायरायडिज्म (जिसमे आपका थायराइड ग्रंथी पर्याप्त मात्रा मे थायराइड हार्मोन नही बना पाता है) जैसी बीमारी के लिए आप अश्वगंधा का सेवन कर सकते है। अश्वगंधा का सेवन से थायराइड ग्रंथी को उत्तेजित करने के लिए किया जाता है।
- चयापचय मे फायदमंद – अश्वगंधा का सेवन करने से चयापचय के लिए काफि फायदेमंद होता है, अश्वगंधा मे एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा मे पाया जाता है। ये एंटी-ऑक्सीडेंट चयापचय(मेटाबॉलिज्म) कि प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न युक्त कण को साफ करने मे बहुत प्रभावि रहता है।
- मोतियाबिंद के लिए – एक शोध से पता चला है कि अश्वगंधा मे पाये जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट और साइटोप्रोटेक्टिव गुण मोतियाबिंद रोग से लडने मददगार साबित होता है। इसलिए मोतियाबिंद से ग्रसीत लोगो को अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए।
- त्वचा समस्या के लिए – श्रृंगीयता(keratosis) के कारण त्वचा सख्त और रुखी हो जाती है, अश्वगंधा का इस्तेमाल करने से श्रृंगीयता जैसी दिक्कतो से छुटकारा मिला जायेगा। अश्वगंधा का सेवन करने से श्रृंगीयता और त्वचा कि कैंसर जैसी दिक्कतो से बचाता है।
- कैंसर – अश्वगंधा का सेवन करना कैंसर जैसी बिमारीयो के लिए फायदेमंद है। अश्वगंधा मे पाये जाने वाले रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज बनता है, जिससे कैंसर सेल खत्म होते है।
- अवसाद(Depression) मे असर – भारत के बनारस हिंदू विश्वविधालय मे चिकित्सा विज्ञान संस्थान मे मानसिक स्वास्थय पर अश्वगंधा के प्रभाव को विशेष रुप से अवसाद मे, अध्ययन किया गया है।
- बेक्टीरिया के संक्रमण- भारत के इलाहाबाद विश्वविधालय मे जैव प्रोद्दोगिकी के केंद्र मे किये गये अध्ययन से पता चला है कि अश्वगंधा मे जीवाणुरोधी गुण होते है।
- अश्वगंधा के रोजाना सेवन करने से मांसपेशियों की शक्ति मे सुधार लाता है, ह्रदय के स्वास्थय को भी ठिक करता है। अश्वगंधा मे घावों को भरने जैसी शक्ति पायी जाती है।
अश्वगंधा (Ashwagandha) के कुछ अन्य तथ्य
सामान्य नाम – विंटर चेरी, भारतीय जिनसेंग, असगंध
वनस्पतिक नाम – विथानीय सोमिनिफेरा, सबसे ज्यादा भारत(राजस्थान, मध्य प्रदेश), नेपाल और अफ्रिका मे होता है।